सबसे ज्यादा घंटे काम करने वाले देशों में भारत दूसरे नंबर पर
पुणे में काम करने वाले 26 साल के चार्टर्ड अकाउंटेंट की असामयिक मौत की खबर सामने आई थी, जिसकी वजह से काम का बोझ ज्यादा है, लोग परेशान हैं। इस घटना ने न सिर्फ सभी को परेशान किया है बल्कि कॉरपोरेट जगत में टॉक्सिक वर्कप्लेस कल्चर और ओवरवर्क के मुद्दे पर एक अहम बहस भी छेड़ दी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के अनुसार, लंबे समय तक काम करने के कारण 2016 में स्ट्रोक और कोरोनरी हृदय रोग से 745,000 मौतें हुईं, जो 2000 से 29% की वृद्धि थी। अध्ययन से यह भी पता चला है कि प्रति सप्ताह 55 या अधिक घंटे काम करने से स्ट्रोक का खतरा 35% बढ़ जाता है और 35-40 घंटे काम करने पर कोरोनरी हृदय रोग से मृत्यु का खतरा 17% बढ़ जाता है।