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बड़े तालाब में श्रीनगर के शिकारें का उठाए लुफ्त
Bhopal Lake: मध्यप्रदेश के राजधानिवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है.अब भोपाल के लोगों को शिकारें का मजा लेने के लिए जम्मू कश्मीर की डल झील नहीं जाना पड़ेगा.क्योकि अब भोपाल के बड़े तालाब में लोग शिकारा का मजे ले सकेंगे. भोपाल नगर निगम ने तैयारी पूरी कर ली है। आज से शिकारे का संचालन भी शुरू हो गया है.
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Bhopal Lake: मछुआरे से तैयार कराया शिकारा
राजधानी के बड़ा तालाब में आज से शिकारा चलेगा। यह श्रीनगर की डल झील जैसे होगा। नगर निगम ने रजिस्टर्ड मछुआरे से एक शिकारा तैयार कराया है। यह प्रयोग सफल रहा तो अगले एक महीने में एक-दो शिकारे और पानी में उतारे जाएंगे। श्रीनगर की डल झील में ऐसे ही शिकारे चलते हैं। क्योकि भोपाल में मध्यप्रदेश-देश के कई हिस्सों से पर्यटक आते हैं। हजारों लोग बोट क्लब में घूमने जाते हैं, इसलिए शिकारा चलाने की पहल की गई है।
Bhopal Lake: एनजीटी ने दिए थे आदेश
पिछले साल भोज वेटलैंड नर्मदा समेत प्रदेश के किसी भी वाटर बॉडीज में क्रूज और मोटर बोट के संचालन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रोक लगा दी थी। एनजीटी ने इसे अवैध गतिविधि ठहराते हुए बड़ा तालाब में क्रूज का संचालन बंद करने के आदेश दिए थे। आदेश में कहा गया था कि डीजल और डीजल इंजन से निकलने वाले उत्सर्जन को इंसानों समेत जलीय जीवों के लिए खतरा है.भोज वैटलेंड के लिए जारी यह आदेश नर्मदा नदी समेत प्रदेश की सभी प्रकार की वेटलैंड पर लागू हो गया था।
Bhopal Lake: प्रिंसेस’ क्रूज और ‘जलपरी’ मोटरबोट बंद
भोपाल के बड़ा तालाब में एनजीटी के आदेश के बाद से ही ‘लेक प्रिंसेस’ क्रूज और ‘जलपरी’ मोटरबोट बंद कर दी गई थी। पर्यटन विकास निगम ने क्रूज और जलपरी के साथ करीब 20 मोटर बोट का संचालन भी नहीं किया। क्रूज और मोटर बोट चलने के दौरान बोट क्लब में हर रोज एक हजार से ज्यादा लोग पहुंचते थे। वे क्रूज और मोटर बोट के जरिए बड़ा तालाब की लहरों को करीब से देखते थे। लेकिन उन्हे अब बड़ा तालाब में शिकारे चलने से नया अनुभव मिलेगा।
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