
Basant Panchami: विद्यार्थियों के लिए विशेष है विद्या की देवी सरस्वती की पूजा का पर्व
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Basant Panchami: वसंत पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करने की परंपरा है। वसंत पंचमी का त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है। धार्मिक मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसी वजह से हर साल माह के शुक्ल पक्ष की पांचवी तिथि वसंत पंचमी के रूप में मनाई जाती है। इसलिए वसंत पंचमी का त्योहार आज यानी 2 फरवरी को मनाया जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं वसंत पंचमी के पूजा अनुष्ठान, शुभ मुहूर्त आदि सहित सभी विवरण।
देवी सरस्वती की पूजा करने का समय और अनुष्ठान
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, देवी सरस्वती की पूजा 2 फरवरी को सुबह 9:14 बजे से 3 फरवरी को सुबह 6:52 बजे तक की जा सकती है। वसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले वस्त्र धारण करें। फिर पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर पीला कपड़ा बिछाकर उस पर देवी सरस्वती की फोटो या मूर्ति रखें। इसके बाद मंदिर में कलश, भगवान गणेश और नवग्रह की पूजा कर देवी सरस्वती की अनुष्ठानिक पूजा शुरू करें। फिर मां के मंत्रों और श्लोकों का जाप करें।
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वसंत पंचमी के दिन इन वस्तुओं का दान करने का महत्व
वसंत पंचमी के दिन अनाज दान करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार वसंत पंचमी के दिन अनाज दान करने से घर में कभी अनाज की कमी नहीं होती है। इसके अलावा इस दिन पीले रंग की वस्तुओं का दान करना भी बहुत जरूरी है। इसलिए पीले रंग की मिठाई या पीले रंग के कपड़े दान करना बहुत शुभ माना जाता है।
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Basant Panchami: छात्रों के लिए वसंत पंचमी का विशेष महत्व
वसंत पंचमी का विद्यार्थियों के लिए भी विशेष महत्व है। क्योंकि आज विद्या की देवी सरस्वती की पूजा का पर्व भी है। इस दिन यदि विद्यार्थी पूरी आस्था के साथ देवी सरस्वती की पूजा करता है तो उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। छात्रों को इस वसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की अलग-अलग पूजा करनी चाहिए। उसे देवी सरस्वती को मोदक, फूल, मीठे चावल और पीले फूल चढ़ाने चाहिए। इस तरह से पूजा करने से पढ़ाई में आ रही परेशानियों से जल्द ही राहत मिल सकती है।