Barwani Siren Testing: भारत-पाकिस्तान सीजफायर के तीन दिन बाद बड़वानी जिला प्रशासन ने नगर पालिका कार्यालय में लगे सायरन की टेस्टिंग की। यह टेस्टिंग आपात स्थिति में ब्लैकआउट की सूचना देने के लिए की गई। हालांकि, सायरन की आवाज शहर के अधिकांश हिस्सों तक नहीं पहुंची, जिसके कारण स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग इस कार्रवाई पर व्यंग्य करते नजर आए, जबकि विशेषज्ञों ने टेस्टिंग की जगह को लेकर सवाल उठाए।
DM, SDM रहे मौजूद
नगर पालिका सीएमओ सोनाली शर्मा ने बताया कि सायरन टेस्टिंग का उद्देश्य सीमा पर तनाव की स्थिति में आपात सूचना प्रणाली की जांच करना था। सायरन का उपयोग ब्लैकआउट या अन्य आपात स्थिति में लोगों को सतर्क करने के लिए किया जाता है। अपर कलेक्टर के के मालवीय ने कहा कि यह सायरन आपातकाल में प्रशासन की ओर से त्वरित सूचना देने का साधन है। टेस्टिंग के दौरान अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार और एसडीओपी मौजूद रहे, लेकिन कलेक्टर गुंचा सनोबर और एसपी जगदीश डावर अनुपस्थित थे।
नपा कार्यालय की छत पर की गई टेस्टिंग
सायरन की टेस्टिंग नगर पालिका कार्यालय की छत पर की गई, जो शहर से बाहर स्थित है। इस कारण सायरन की आवाज केवल कार्यालय के आसपास के क्षेत्र तक ही सीमित रही। शहर के अधिकांश हिस्सों में यह सुनाई नहीं दी। सायरन की आवाज सुनकर स्थानीय लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई। कुछ लोग डर के मारे अपने परिवार के सदस्यों को फोन कर घर बुलाने लगे, जबकि कुछ ने प्रशासन की इस कार्रवाई को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया। स्थानीय निवासी रमेश पाटिल ने कहा, “सायरन की आवाज इतनी धीमी थी कि हमें समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा है। प्रशासन को पहले सूचना देनी चाहिए थी।”
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टेस्टिंग की जगह पर उठे सवाल
विशेषज्ञों ने सायरन टेस्टिंग की जगह पर सवाल उठाए। सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. अनिल शर्मा के अनुसार, “सायरन की टेस्टिंग शहर के मध्य में होनी चाहिए थी, ताकि यह पूरे शहर को कवर कर सके। नगर पालिका कार्यालय शहर से बाहर है, इसलिए इसका उद्देश्य पूरा नहीं हुआ।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि टेस्टिंग से पहले जनता को सूचित करना जरूरी था, ताकि अनावश्यक भ्रम और अफरा-तफरी से बचा जा सकता था।
Barwani Siren Testing: जनता को सतर्क रहने की जरूरत
यह घटना बड़वानी में प्रशासनिक तैयारियों की कमियों को उजागर करती है। सायरन टेस्टिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य के लिए बेहतर योजना और समन्वय की जरूरत है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि भविष्य में ऐसी कार्रवाइयों से पहले जनता को सूचित किया जाए। प्रशासन ने इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, भविष्य में टेस्टिंग के लिए बेहतर स्थान और जनसूचना तंत्र पर विचार किया जाएगा।
यह घटना न केवल प्रशासनिक खामियों को दर्शाती है, बल्कि आपात स्थिति में जनता को सतर्क करने की प्रक्रिया को और मजबूत करने की जरूरत को भी रेखांकित करती है। बड़वानी के नागरिक अब प्रशासन से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं।
आदित्य शर्मा की रिपोर्ट