
ट्रेनें, इंटरनेट बंद, पीएम हसीना के इस्तीफे की मांग
Bangladesh Violence news in Hindi : बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ आंदोलन और हिंसक हो गया है। रविवार को हजारों प्रदर्शनकारी पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए। इस दौरान कई जगहों पर उनके और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें भी हुईं।
रविवार को 97 लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही 500 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। पिछले तीन हफ्तों में हिंसा में 300 से अधिक लोग मारे गए हैं। सरकार ने हिंसा को नियंत्रित करने के लिए देशभर में कर्फ्यू लगा दिया है। साथ ही अगले 3 दिनों के लिए छुट्टी घोषित कर दी गई है। इसके साथ ही देशभर की सभी अदालतों को बंद कर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि बंद के दौरान सिर्फ बेहद जरूरी मामलों की सुनवाई होगी. इसके लिए चीफ जस्टिस इमरजेंसी बेंच का गठन करेंगे। इसके साथ ही बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों में मारे जाने वालों की संख्या महज तीन सप्ताह में 300 के पार हो गई है। पिछले महीने हुई हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए थे।
सिराजगंज कस्बे में एक पुलिस थाने पर हमला
ढाका ट्रिब्यून की खबर के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने रविवार को सिराजगंज कस्बे में एक पुलिस थाने पर धावा बोल दिया। उन्होंने पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी और उन्हें आग लगा दी। इस हमले में 13 पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं। खबरों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने देशभर के कई पुलिस थानों पर हमला किया। इस घटना में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
इसके अलावा नरसिंगडी जिले में आंदोलनकारियों ने पीएम हसीना की पार्टी अवामी लीग के छह कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी। खबरों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने दोपहर में एक जुलूस निकाला जिससे अवामी लीग के कार्यकर्ता नाराज हो गए।
भारतीयों और छात्रों के लिए एडवाइजरी
भारतीय उच्चायोग ने बांग्लादेश में रह रहे भारतीयों और छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है। भारतीय नागरिकों से भी बांग्लादेश न जाने की अपील की गई है। विदेश मंत्रालय ने रविवार देर रात एक एडवाइजरी जारी कर कहा कि भारतीय नागरिकों को बांग्लादेश में जारी हिंसा के कारण यात्रा करने से बचना चाहिए।
बांग्लादेश में पिछले महीने आरक्षण विरोधी हिंसा में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इन प्रदर्शनों में 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे। बांग्लादेश सरकार ने 2018 में विभिन्न श्रेणियों के लिए 56% आरक्षण को समाप्त कर दिया था, लेकिन इस साल 5 जून को हाई कोर्ट ने सरकार के फैसले को पलट दिया और आरक्षण को फिर से लागू कर दिया। इसके बाद देशभर में हिंसक प्रदर्शन हुए।
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