यूनुस अंतरिम सरकार की मुश्किलें बढ़ीं
bangladesh dhaka protests yunus government crisis sealed : बांग्लादेश की राजधानी ढाका में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस के खिलाफ विरोध तेज़ हो चुका है और इसके बीच पुलिस ने राजधानी के केंद्र में सभी रैलियों, विरोध प्रदर्शनों और जनसभाओं पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया है। विरोध प्रदर्शन के केंद्र में यूनुस का सरकारी आवास ‘जमुना गेस्ट हाउस’ और बांग्लादेश सचिवालय हैं, जिन्हें सुरक्षा के नाम पर पूरी तरह सील कर दिया गया है।
विरोध प्रदर्शन: बढ़ती नाराजगी और प्रतिबंध
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) ने स्पष्ट किया है कि राजधानी के केंद्र में विरोध-प्रदर्शनों पर रोक इसलिए लगाई गई है ताकि सार्वजनिक व्यवस्था बनी रहे और चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। DMP कमिश्नर एसएम सज्जात अली ने बताया कि यह प्रतिबंध तब लगा है जब सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों, सेना और विपक्षी दलों के बीच यूनुस सरकार के खिलाफ नाराजगी तेज़ हो रही है।
10 मई को ही सीमा सुरक्षा बल (BGB) और पुलिस की SWAT टीमों को सरकारी इमारतों की सुरक्षा में तैनात किया गया था। अब यूनुस के आवास और सचिवालय के आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह से सील कर दिया गया है।
सचिवालय में सरकारी कर्मचारियों का विरोध
सचिवालय में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी यूनुस सरकार के एक अध्यादेश के खिलाफ हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे हैं। यह अध्यादेश बर्खास्तगी की प्रक्रिया को आसान बनाने का प्रावधान करता है, जिसके खिलाफ कर्मचारी लामबंद हैं। विरोध की लहर ईद की छुट्टियों के कारण फिलहाल थोड़ी थमी है, लेकिन 15 जून तक मांगें पूरी न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
बांग्लादेश सचिवालय अधिकारी-कर्मचारी एकता मंच के सह-अध्यक्ष नुरुल इस्लाम ने साफ किया है कि प्रदर्शन और भी उग्र हो सकता है।
सेना, विपक्ष और शिक्षकों की नाराजगी
अंतरिम सरकार को न केवल सरकारी कर्मचारी बल्कि विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) भी घेर रही है। BNP चुनावी समयसीमा तय करने की मांग कर रही है, जबकि सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान ने दिसंबर 2025 तक चुनाव करवाने की सलाह दी है। इसके उलट यूनुस सरकार ने अप्रैल 2026 में चुनाव कराने का संकेत दिया है, जिससे उनकी सत्ता में बने रहने की मंशा पर सवाल उठे हैं।
देशभर के हजारों प्राथमिक स्कूल शिक्षक वेतन वृद्धि समेत अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, जो सरकार के लिए चिंता का विषय है।
म्यांमार सीमा पर रखाइन गलियारा विवाद
बांग्लादेश सरकार और सेना के बीच म्यांमार सीमा पर रखाइन जिले में मानवता सहायता के लिए बनाए जाने वाले गलियारे को लेकर भी तनाव बढ़ गया है। सरकार के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा था कि अंतरिम सरकार ने अमेरिका की प्रस्तावित रखाइन कॉरिडोर पर सहमति दी है। इस खबर से सेना खासकर आर्मी चीफ वाकर-उज-जमान ने कड़ी नाराजगी जताई।
वाकर ने इसे ‘खूनी कॉरिडोर’ करार देते हुए सरकार को चेतावनी दी कि वे बांग्लादेश की संप्रभुता को खतरे में डालने वाली किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके बाद यूनुस सरकार ने बयान जारी कर कहा कि म्यांमार सीमा पर किसी भी देश के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है।
bangladesh dhaka protests yunus government crisis sealed : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सामने चुनौतियां
ढाका में विरोध प्रदर्शन रोकने के बावजूद, यूनुस सरकार की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। सरकारी कर्मचारियों की हड़तालें, विपक्षी दलों का दबाव, सेना की नाराजगी और सीमा विवाद जैसे मुद्दे सरकार की स्थिरता को प्रभावित कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यदि मांगों को शांतिपूर्ण तरीके से हल नहीं किया गया तो देश में राजनीतिक संकट और गहरा सकता है।
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