Ashwin के संन्यास की घोषणा के बाद क्रिकेट जगत में चर्चाओं का दौर जारी है। भारत और चेन्नई सुपर किंग्स में अश्विन के साथ खेल चुके पूर्व क्रिकेटर सुब्रमण्यम बद्रीनाथ ने इस मामले पर बड़ा बयान दिया है। स्टार स्पोर्ट्स तमिल पर बद्रीनाथ ने कहा कि रवि अश्विन के साथ सही व्यवहार नहीं किया गया और उन्हें कई बार टीम से बाहर किया गया, जिससे वह निराश हुए।
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Ashwin: सुंदर को प्राथमिकता देना चौंकाने वाला
बद्रीनाथ ने कहा, “पहले टेस्ट में रवि अश्विन को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया। उनके ऊपर वाशिंगटन सुंदर को तवज्जो दी गई, जो हैरान करने वाला था। पर्थ टेस्ट में भी रवि अश्विन और रवींद्र जडेजा की जगह सुंदर को मौका मिला, शायद उनके अतिरिक्त हाइट की वजह से। इससे साफ पता चलता है कि अश्विन नाखुश थे।”
Ashwin का कठिन सफर
सुब्रमण्यम बद्रीनाथ ने बताया कि रवि अश्विन का क्रिकेट सफर आसान नहीं रहा। उन्हें कई बार टीम से बाहर रखा गया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 537 विकेट चटकाए। बद्रीनाथ ने अश्विन की मानसिक मजबूती की तारीफ करते हुए कहा कि वह निराशाओं से उबरना जानते हैं।
Ashwin का शानदार करियर
रवि अश्विन ने 106 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया और रिकॉर्ड 537 विकेट लिए। वह टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर हैं। इस सूची में अनिल कुंबले पहले नंबर पर हैं।
Ashwin के योगदान को किया याद
बद्रीनाथ ने कहा कि अश्विन भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में से एक हैं और उनके प्रदर्शन को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अश्विन ने हर चुनौती का सामना करते हुए भारतीय टीम को कई बार जीत दिलाई।
रवि अश्विन के संन्यास पर हो रही चर्चाओं से यह साफ है कि वह न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व क्रिकेट के लिए भी एक महान खिलाड़ी रहे हैं। उनके अनुभव और योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।