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मणिपुर में स्टारलिंक डिवाइस पकड़ी
भारतीय सेना और असम राइफल्स पूर्वोत्तर भारत में मणिपुर के संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों से एलोन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के स्टारलिंक इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। ये उपकरण चुराचंद्रपुर, चंदेल, इंफाल पूर्व और कांगपोकपी जैसे जिलों में पाए गए हैं। इस खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियां और सेना सतर्क हो गई हैं, क्योंकि यह उच्च तकनीक वाला उपकरण घुसपैठियों की संचार कुशलता में काफी सुधार कर सकता है।
मामला क्या है?
सुरक्षा बलों ने घुसपैठियों के खिलाफ इलाकों में छापेमारी की तो हथियारों और गोला-बारूद के साथ एक स्टारलिंक डिवाइस भी बरामद किया गया। आम तौर पर इस तरह के अभियानों में केवल हथियार ही मिलते थे, लेकिन इस बार हाईटेक सैटेलाइट इंटरनेट उपकरणों की बरामदगी गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
स्टारलिंक जोखिम कैसे बढ़ा सकता है?
स्टारलिंक डिवाइस बिना किसी तार या टावर के इंटरनेट एक्सेस प्रदान करता है। यह सीधे उपग्रह से जुड़ता है और कहीं से भी घुसपैठियों द्वारा उपयोग किया जा सकता है। इसके एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के कारण इसे ट्रैक या हैक करना बहुत मुश्किल है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपकरण घुसपैठियों की संचार प्रणाली को मजबूत करेगा। जिसके कारण वे वास्तविक समय की खुफिया जानकारी साझा कर सकते हैं, हमलों की योजना बना सकते हैं और अपने समूहों के बीच बेहतर समन्वय कर सकते हैं।
ये उपकरण मणिपुर कैसे पहुंचे?
रक्षा एजेंसियों के अनुसार, इन उपकरणों को या तो तस्करी के माध्यम से भारत लाया गया है या नकली जियोटैगिंग के माध्यम से सक्रिय किया गया है। बरामद किए गए एक उपकरण में चीन समर्थित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से संबद्ध एक आतंकवादी समूह रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) के निशान थे।
सुरक्षा एजेंसियों ने शुरू की जांच
स्टारलिंक को अभी तक भारत में ब्रॉडबैंड लाइसेंस नहीं मिला है। ऐसे में यहां इस डिवाइस का मिलना सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गया है। स्टारलिंक के संस्थापक एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दावा किया कि उनके डिवाइस भारत में सक्रिय नहीं हैं। हमारा उपग्रह बीम भारत के ऊपर बंद है।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को सैटेलाइट इंटरनेट के साथ काम करने के लिए अपनी तकनीकी क्षमता बढ़ानी होगी। सुरक्षा एजेंसियां अब इन उपकरणों की आपूर्ति श्रृंखला का पता लगाने और ट्रैक करने के लिए तकनीकी काउंटरमेशर्स विकसित करने पर काम कर रही हैं।