
कराची में हुए विस्फोट में 2 चीनी इंजीनियरों की हुई मौत
कराची में रविवार रात एक फिदायीन हमले में दो इंजीनियरों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। पाकिस्तान में काम कर रहे 400 चीनी इंजीनियर अपने देश के लिए रवाना हो गए हैं। बलूचिस्तान से करीब 250 चीनी इंजीनियर कराची और इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों से चीन जाते रहे हैं। चीनी इंजीनियरों के पाकिस्तान छोड़ने की वजह यह है कि सीपीईसी ने बलूचिस्तान क्षेत्र समेत बिजली, इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी आठ परियोजनाओं पर काम रोक दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, कराची हमले के बाद अब चीन ने अपनी सेना को पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में इसी महीने तैनात करने का फैसला किया है। चीन की कई बिजली परियोजनाएं पीओके में हैं। परियोजना के मुख्य क्षेत्र में चीनी सैनिक होंगे।
पाकिस्तान को 15-16 अक्टूबर को होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन से विदेशी निवेश की उम्मीद थी। इमरान समर्थकों की रोजाना होने वाली रैलियों और प्रदर्शनों से राजनीतिक स्थिरता पहले से ही सवालों के घेरे में रही है। अब कराची हमले के बाद एससीओ समिट ने चीन, ईरान, रूस और कजाकिस्तान से करीब 2 लाख करोड़ रुपये के निवेश की फसल की उम्मीदों को जिंदा कर दिया है। आपको बता दें कि चीनी दूतावास ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के गृह सचिव को तलब कर फटकार लगाई है।