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रेलवे एक्ट में संशोधन करेगा केंद्र, देशद्रोह का मामला दर्ज
कानपुर के प्रेमपुर स्टेशन के पास जेटीटीएन मालगाड़ी को पटरी से उतारने की साजिश रची गई। ट्रैक पर एक छोटा सिलेंडर रखा गया था। रविवार सुबह करीब 6 बजे लूप लाइन पर पायलट ने सिलेंडर देखते ही इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए और ट्रेन को सिलेंडर से 10 फीट पहले ही रोक दिया।
देश में 57 दिनों में किसी ट्रेन को पटरी से उतारने का यह 22वां प्रयास है। इससे पहले 20 सितंबर को सूरत में रेलवे ट्रैक के साथ छेड़छाड़ की गई थी। मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई है। उधर, बिहार के मुजफ्फरपुर जंक्शन पर शनिवार रात मुजफ्फरपुर-पुणे स्पेशल ट्रेन का इंजन पटरी से उतर गया। हादसा उस समय हुआ जब ट्रेन बिना सिग्नल मिले आगे बढ़ने लगी।
ट्रेनों को पटरी से उतारने की बढ़ती कोशिशों को देखते हुए केंद्र सरकार रेलवे एक्ट में संशोधन करने जा रही है। इस संबंध में जल्द ही अधिसूचना जारी की जा सकती है। इसके तहत दुर्घटना की साजिश रचने पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाएगा। इसमें उम्रकैद से लेकर मौत तक की सजा का भी प्रावधान होगा।
कानपुर में 14 दिन में ट्रेन पटरी से उतरने की एक और साजिश
कानपुर के प्रेमपुर स्टेशन पर सिलेंडर लगाए जाने की सूचना मिलते ही रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी, आरपीएफ, जीआरपी और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों ने बताया कि मालगाड़ी कानपुर से प्रयागराज जा रही थी। ट्रैक पर रखा 5 किलो का सिलेंडर खाली था। यूपी में 38 दिन में ट्रेनों को उखाड़ने की यह पांचवीं साजिश है। इससे पहले 8 सितंबर को कानपुर में ही कालिंदी एक्सप्रेस से भरे सिलेंडर को पटरी से उतारने की साजिश रची गई थी।