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भारतीय बैंकों द्वारा बट्टे खाते में डाला गया ऋण
पिछले पांच साल में सरकारी बैंकों ने 6.5 लाख करोड़ रुपये माफ किए हैं, एसबीआई ने सबसे ज्यादा करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है। 30 सितंबर, 2024 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए 3,16,331 करोड़ रुपये था, जबकि निजी बैंकों का एनपीए 1,34,339 करोड़ रुपये था।
पिछले 10 साल में बैंकों ने 12 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है। पिछले पांच वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा ऋण माफी की आधी से अधिक राशि माफ की गई है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सबसे ज्यादा रकम का लोन माफ किया है। FY15 और FY24 के बीच, बैंकों ने कुल 12.3 लाख करोड़ रुपये के ऋण माफ किए। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा इस राशि का 53 प्रतिशत या 6.5 लाख करोड़ रुपये माफ किया गया है।
आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी में खुलासा
आंकड़ों के अनुसार, शीर्ष 100 डिफॉल्टरों की कुल एनपीए का 43 प्रतिशत हिस्सा है। यह जानकारी आईटीआर के जरिए मिली है। अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड भी उन लोगों में शामिल है, जिन्होंने कर्ज नहीं चुकाया है। इसके अलावा जिंदल और जेपी ग्रुप की कंपनियां भी इसमें शामिल हैं।
एनपीए के मामले में भी सरकारी बैंक आगे हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए 30 सितंबर, 2024 तक 3,16,331 करोड़ रुपये था। जबकि प्राइवेट बैंकों का एनपीए 1,34,339 करोड़ रुपये है
लोन माफ करने वाले बैंकों में एसबीआई सबसे आगे
लोन माफ करने वाले बैंकों में राशि के मामले में एसबीआई सबसे आगे है। एसबीआई ने इन पांच साल में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है। दूसरे नंबर पर पंजाब नेशनल बैंक है। तीसरे नंबर पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, चौथे नंबर पर बैंक ऑफ बड़ौदा और पांचवे नंबर पर बैंक ऑफ इंडिया है।
कर्जमाफी के मामले में भी सरकारी बैंक काफी आगे चल रहे हैं। एसबीआई ने इन पांच साल में कुल 2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। पंजाब नेशनल बैंक ने 94,702 करोड़ रुपये की निकासी की है।
चालू वित्त वर्ष के दौरान सितंबर के अंत तक सरकारी बैंकों ने 42,000 करोड़ रुपये की निकासी की है जबकि पिछले पांच साल में यह आंकड़ा 6.5 लाख करोड़ रुपये था। रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों और बैंक बोर्ड द्वारा मंजूर नीति के तहत एनपीए को चार साल पूरा करने पर बट्टे खाते में डाला जाता है।
आरबीआई के मुताबिक इनसॉल्वेंसी प्रोसेस से गुजर रही कंपनियां
- रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड
- रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड
- जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड
- जयप्रकाश पावर वेंचर लिमिटेड
- जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड
- आईएल एंड एफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड
- रुचि सोया इंडस्ट्रीज
- वीडियोकॉन ग्रुप की दो कंपनियां
- जिंदल इंडिया थर्मल पावर
- गीतांजलि जेम्स