इंसानों के उठने से पहले कोई अनजानी शक्ति करती है पूजा !
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सुबह चढ़े मिलते है, 21 पत्तियां का बेलपत्र
रहस्यों से भरा महादेव मंदिर: सुबह चढ़े मिलते है, 21 पत्तियां का बेलपत्ररहस्यों से भरा महादेव मंदिर: सुबह चढ़े मिलते है, 21 पत्तियां का बेलपत्ररहस्यों से भरा महादेव मंदिर: अद्भुत, अविश्वनीय,अकल्पित अभी तक आपने भगवान महादेव के कई मंदिरों के दर्शन किए होंगे.लेकिन हम आपको भगवान भोलेनाथ के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहा हैं.जो रहस्यों से भरा है.हम आपको एक ऐसे अदृश्य शिव भक्त के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे न तो कभी किसी न देखा है और न महसूस किया है लेकिन फिर भी हर रोज़ उस शिव भक्त की उपस्थिती के प्रमाण हमे सामने मिलते है.तो कौन है ये अदृश्य शिव भक्त, कैसे देता है अपनी मौजूदगी का प्रमाण और कौन सी वो महादेव की ऐसी पवित्र जगह है, जहां वो महादेव का भक्त हर रोज़ शिव पूजा के लिए आता है। चलो बताते है,विस्तार से
रहस्यों से भरा मुरैना का ईश्वरा महादेव मंदिर
मध्यप्रदेश के मुरैना के घोर जंगल के बीच गुफानुमा मंदिर जिसे ईश्वरा महादेव के नाम से जाना जाता है.यहां महादेव का एक ऐसा मंदिर है, जहां शाम के बाद कोई पूजा नहीं करता. लेकिन हर सुबह शिवलिंग पर ताजा पुष्प और बेलपत्र चढ़े मिल जाते हैं. मानों किसी ने आधी रात को यहां आकर भोलेनाथ का अभिषेक किया हो.
रहस्यों से भरा महादेव मंदिर: लंकापति का भाई करता हैं पूजा
रहस्यों से भरा महादेव मंदिर: अद्भुत, अविश्वनीय,अकल्पित मुरैना जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर स्थित पुरातन काल का ईश्वरा महादेव मंदिर है. इस मंदिर में महादेव का स्वयंभू शिवलिंग है.पुराणों की मान्यता के अनुसार त्रेता युग में लंकापति रावण के भाई विभीषण ने यहां तपस्या की थी. ऐसा माना जाता है कि आज भी विभीषण सुबह चार बजे मंदिर में पूजा करने आते हैं और शिवलिंग का अभिषेक कर जलाभिषेक करते हैं.
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रहस्यों से भरा महादेव मंदिर: बेलपत्र से जुड़ा अद्भुत रहस्य
रहस्यों से भरा महादेव मंदिर: अद्भुत, अविश्वनीय,अकल्पित आमतौर पर आपने शिवमंदिरों में शिवलिंग पर बेलपत्र में 3 पत्तियां देखने को मिलती हैं, लेकिन यहां बेलपत्र अनूठे प्रकार के मिलते हैं. यहां के बेलपत्रों में 3 से लेकर 21 पत्तियां तक होती हैं.जो आसपास क्या दूर-दूर तक कहीं नहीं मिलती है.लेकिन जब भक्त सुबह दर्शन के लिए आते हैं तो उन्हे शिवलिंग पर 21 पत्ती के बेलपत्रि शिवलिंग पर चढ़ी मिलती है.जो आज भी लोगों के लिए रहस्या बना हुआ है.
पांडवों ने भी की थी यहां शिव आराधना
बताया ये भी जाता है कि द्वापुर में पांडव भी अपने अज्ञातवास के दौरान यहां रहे थे.और उन्होने यहां रुककर भगवान शिव की आराधना की थी..
रहस्यों से भरा महादेव मंदिर: शिवलिंग पर होता हैं प्राकृतिक जलाभिषेक
रहस्यों से भरा महादेव मंदिर: सुबह चढ़े मिलते है, 21 पत्तियां का बेलपत्र इस मंदिर से जुड़ा एक और रहस्य है. ईश्वरा शिवलिंग पर 12 महीने जलधारा से अभिषेक होता है, जबकि आसपास पानी के किसी भी तरह का स्त्रोत नहीं है. यहां तक कि इस क्षेत्र में पानी की विकराल समस्या है पर मंदिर में शिवलिंग पर अववरत जलधारा बहती है. ऐसे ही कई और चमत्कारों से भरा ईश्वरा महादेव मंदिर लोगों के बीच आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां पर दूर-दूर से लोग दर्शनों के लिए पहुंचते हैं.
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रहस्यों से भरा महादेव मंदिर:यहां रात को रुकना मना है
ईश्वरा महादेव पहुंचने के लिए पहले पहाड़गढ़ और फिर वहां से जंगल के रास्ते होते हुए 12 किमी दूर ईश्वरा महादेव मंदिर पहुंचा जा सकता है.मंदिर में पहाड़ में बनी गुफा में ही शिवलिंग स्थापित है.यहीं पर साधु-संत भी रहते हैं, लेकिन रात को यहां पर रुकना मना है. ऐसे में वे भी ऊपर पहाड़ी पर बने हनुमान मंदिर में रुकते हैं.इस मंदिर में रात को कौन आता है और पूजा कर जाता है, यह रहस्य आज तक बरकरार है.